Story Of Deported Indians: अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों की कहानी लगभग एक सी है. मेरिट पर कुछ नहीं हुआ तो शार्टकट अपनाया और अंजाम जमीन बिक गई, कर्ज हो गया और वापस भारत लौटना पड़ा.
रविवार को पंजाब के फिरोजपुर जिले में अपने गांव चांदीवाला पहुंचे सौरव (20) ने बताया कि 27 जनवरी को जब वह सीमा पार कर अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहा था तो उसे अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़ लिया था. वह पिछले साल 17 दिसंबर को घर से अमेरिका के लिए निकला था. सौरव ने कहा,'हमें 18 दिनों तक एक शिविर (हिरासत केंद्र) में रखा गया. हमारे मोबाइल फोन ले लिए गए थे. परसों हमें बताया गया कि हमें दूसरे शिविर में ले जाया जाएगा. जब हमें विमान में बिठाया गया तो उन्होंने कहा कि हमें भारत ले जाया जा रहा है.'
गुरदासपुर जिले के खानोवाल घुमन गांव के निवासी हरजीत सिंह को उनके चचेरे भाई के साथ अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया. उन्होंने कहा,'हम आज सुबह करीब छह बजे घर पहुंचे. हमें 27 जनवरी को अमेरिकी सीमा पार करते समय पकड़ा गया और 18 दिनों तक हिरासत केंद्र में रखा गया. हमें 13 फरवरी को निर्वासित कर दिया गया और हमारे हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरें डाल दी गईं.' हरजीत ने बताया कि परिवार ने उनके और उनके चचेरे भाई के अमेरिका जाने पर 90 लाख रुपये खर्च किये. हमें आश्वासन दिया गया था कि हमें कानूनी तरीके से अमेरिका ले जाया जाएगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
कपूरथला जिले के बेहबल बहादुर गांव के निवासी साहिल प्रीत सिंह के माता-पिता ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को विदेश भेजने में 40-45 लाख रुपये खर्च किए. साहिल की मां हरविंदर कौर ने दावा किया कि एक ट्रैवल एजेंट ने उनके साथ धोखाधड़ी की है. उन्होंने कहा कि परिवार ने खेती की जमीन और सोने के गहने बेचकर तथा अपने रिश्तेदारों से उधार लेकर पैसों का इंतजाम किया था. उन्होंने पंजाब सरकार से उनके बेटे को नौकरी देने और धोखेबाज एजेंट के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की भी मांग की. इसी तरह,मोगा जिले के धरमकोट गांव के जसविंदर सिंह करीब 45 दिन पहले घर से अमेरिका के लिए निकले थे. उनके गांव के एक सरपंच ने बताया कि परिवार ने डेढ़ एकड़ जमीन बेचकर 45 लाख रुपये जुटाए और उन्हें एक ट्रैवल एजेंट को दे दिया,जिसने उन्हें ठग लिया.
— ANI (@ANI) February 16,2025अवैध प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा अमेरिकी विमान,112 भारतीय मौजूद
एक अमेरिकी सैन्य विमान पांच फरवरी को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचा था. इनमें से 33-33 हरियाणा और गुजरात से थे,जबकि 30 पंजाब से थे. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अमृतसर हवाई अड्डे पर निर्वासित लोगों को लेकर अमेरिकी विमानों के पहुंचने के मामले में केंद्र पर निशाना साध रहे हैं.