अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों की कहानी: खेत और गहने बेच खर्च कर दिए 45 लाख... लौटे तो हाथ में थी हथकड़ी

Story Of Deported Indians: अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों की कहानी लगभग एक सी है. मेरिट पर कुछ नहीं हुआ तो शार्टकट अपनाया और अंजाम जमीन बिक गई, कर्ज हो गया और वापस भारत लौटना पड़ा.

विश्व समाचार Feb 17, 2025 IDOPRESS

Story Of Deported Indians: चकाचौंध में जीने और आसमान को छूने का अरमान सजाए डंकी रूट से अमेरिका गए लोग एक के बाद एक वापस आ रहे हैं. इनकी कहानियां शाहरुख खान की डंकी फिल्म से कम नहीं हैं. शनिवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरे अमेरिकी सैन्य विमान में सवार 116 डिपोर्ट हुए भारतीयों में से कई ने बताया कि उनके परिवार ने उन्हें अमेरिका भेजने के लिए अपनी खेती की जमीन बेचकर या गिरवी रखकर या फिर रिश्तेदारों से उधार लेकर भेजा था. शनिवार को वापस आए 116 लोगों में पंजाब के 65,हरियाणा के 33,गुजरात के आठ,उत्तर प्रदेश,गोवा,महाराष्ट्र और राजस्थान के दो-दो तथा हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर का एक-एक व्यक्ति शामिल था.

पहुंचते ही पकड़े गए

रविवार को पंजाब के फिरोजपुर जिले में अपने गांव चांदीवाला पहुंचे सौरव (20) ने बताया कि 27 जनवरी को जब वह सीमा पार कर अमेरिका में घुसने की कोशिश कर रहा था तो उसे अमेरिकी अधिकारियों ने पकड़ लिया था. वह पिछले साल 17 दिसंबर को घर से अमेरिका के लिए निकला था. सौरव ने कहा,'हमें 18 दिनों तक एक शिविर (हिरासत केंद्र) में रखा गया. हमारे मोबाइल फोन ले लिए गए थे. परसों हमें बताया गया कि हमें दूसरे शिविर में ले जाया जाएगा. जब हमें विमान में बिठाया गया तो उन्होंने कहा कि हमें भारत ले जाया जा रहा है.'

रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए

सौरव ने बताया कि उनके परिवार ने उन्हें विदेश भेजने के लिए 45-46 लाख रुपये खर्च किए. दो एकड़ खेती की जमीन बेची गई और रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए गए. अपनी यात्रा के बारे में सौरव ने कहा कि उन्हें एम्स्टर्डम,पनामा और मैक्सिको होते हुए अमेरिकी सीमा तक ले जाया गया. यह पूछे जाने पर कि क्या अमृतसर जाते समय उन्हें बेड़ियां लगाई गई थीं,सौरव ने कहा,'हां,हमें हथकड़ी लगाई गई थी और हमारे पैरों में जंजीरें बांधी गई थीं.'

हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरें

गुरदासपुर जिले के खानोवाल घुमन गांव के निवासी हरजीत सिंह को उनके चचेरे भाई के साथ अमेरिका से निर्वासित कर दिया गया. उन्होंने कहा,'हम आज सुबह करीब छह बजे घर पहुंचे. हमें 27 जनवरी को अमेरिकी सीमा पार करते समय पकड़ा गया और 18 दिनों तक हिरासत केंद्र में रखा गया. हमें 13 फरवरी को निर्वासित कर दिया गया और हमारे हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीरें डाल दी गईं.' हरजीत ने बताया कि परिवार ने उनके और उनके चचेरे भाई के अमेरिका जाने पर 90 लाख रुपये खर्च किये. हमें आश्वासन दिया गया था कि हमें कानूनी तरीके से अमेरिका ले जाया जाएगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

होशियारपुर जिले के बोदल गांव निवासी मंताज सिंह (22) ने बताया कि जैसे ही वह अमेरिका में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे,उन्हें अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ लिया. उन्हें 'डंकी रूट' के जरिए वहां ले जाया गया. 'डंकी रूट' अमेरिका में प्रवेश करने के लिए प्रवासियों द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला एक अवैध और जोखिम भरा रास्ता है.

ट्रैवल एजेंट ने धोखाधड़ी की

कपूरथला जिले के बेहबल बहादुर गांव के निवासी साहिल प्रीत सिंह के माता-पिता ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे को विदेश भेजने में 40-45 लाख रुपये खर्च किए. साहिल की मां हरविंदर कौर ने दावा किया कि एक ट्रैवल एजेंट ने उनके साथ धोखाधड़ी की है. उन्होंने कहा कि परिवार ने खेती की जमीन और सोने के गहने बेचकर तथा अपने रिश्तेदारों से उधार लेकर पैसों का इंतजाम किया था. उन्होंने पंजाब सरकार से उनके बेटे को नौकरी देने और धोखेबाज एजेंट के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की भी मांग की. इसी तरह,मोगा जिले के धरमकोट गांव के जसविंदर सिंह करीब 45 दिन पहले घर से अमेरिका के लिए निकले थे. उनके गांव के एक सरपंच ने बताया कि परिवार ने डेढ़ एकड़ जमीन बेचकर 45 लाख रुपये जुटाए और उन्हें एक ट्रैवल एजेंट को दे दिया,जिसने उन्हें ठग लिया.

यह अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई के तहत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा पांच फरवरी के बाद निर्वासित किया गया भारतीयों का दूसरा जत्था है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 157 निर्वासितों को लेकर तीसरे विमान आज फिर भारत पहुंच गया है.

#WATCH | Punjab: Aircraft carrying the third batch of illegal Indian immigrants lands in Amritsar as it arrives from the US. pic.twitter.com/siuyMUTbMP

— ANI (@ANI) February 16,2025अवैध प्रवासियों को लेकर अमृतसर पहुंचा अमेरिकी विमान,112 भारतीय मौजूद

दो हत्या के आरोपी थे

इस बीच,अमेरिका द्वारा निर्वासित किए गए अवैध भारतीय प्रवासियों में शामिल पटियाला जिले के राजपुरा के दो युवकों को हत्या के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नानक सिंह ने अमृतसर हवाई अड्डे से आरोपियों की गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी संदीप सिंह उर्फ ​​सनी और प्रदीप सिंह 2023 में दर्ज किए गए हत्या के एक मामले में वांछित थे. संदीप और चार अन्य के खिलाफ जून 2023 में राजपुरा में मामला दर्ज किया गया था. जांच के दौरान संदीप के एक अन्य साथी प्रदीप का नाम प्राथमिकी में जोड़ा गया था. दोनों को गिरफ्तार करने के लिए राजपुरा थाना प्रभारी के नेतृत्व में एक टीम शनिवार को अमृतसर हवाई अड्डे पर भेजी गई थी.

एक अमेरिकी सैन्य विमान पांच फरवरी को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर अमृतसर हवाई अड्डे पर पहुंचा था. इनमें से 33-33 हरियाणा और गुजरात से थे,जबकि 30 पंजाब से थे. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान अमृतसर हवाई अड्डे पर निर्वासित लोगों को लेकर अमेरिकी विमानों के पहुंचने के मामले में केंद्र पर निशाना साध रहे हैं.

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