जनवरी में महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का निधन हो गया था. यह न्योरोलॉजिक बीमारी है. स्वाइन फ्लू के तरह इस बीमारी के लक्षण होते हैं. जिसमें सर्दी, जुकाम और तेज बुखार आता है.
यह न्योरोलॉजिक बीमारी है,जिसे लक्षण स्वाइन फ्लू की तरह होते हैं.
मुंबई:
महाराष्ट्र में गिलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बुरी तरह से फैल रहा है. इससिंड्रोम की चपेट में आकर मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती 53 साल के एक मरीज की मौत हो गई है. मरीज वडाला इलाके का रहने वाला था और बीएमसी के बीएन देसाई अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में काम करता था. नायर अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार,वो काफी दिनों से बीमार था और उसका इलाज चल रहा था. वहीं,नायर अस्पताल में एक नाबालिग लड़की भी भर्ती है,जिसे जीबीएस वायरस हुआ है. यह लड़की पालघर की रहने वाली है और 10वीं कक्षा की छात्रा है. इससे पहले 6 फरवरी को भी जीबीएस सिंड्रोम वायरस की चपेट में आने से एक मरीज की मौत हो गई थी.
इससे पहले 26 जनवरी को महाराष्ट्र के पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) बीमारी से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट का निधन हो गया था. वह डीएसके विश्वा इलाके में रहता था. गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के प्रकोप के बीच 29 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन से मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था.
उल्लेखनीय कि इससे पहले 27 जनवरी को पुणे में जीबीएस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन का समर्थन करने के लिए सात सदस्यीय टीम तैनात की. केंद्र की उच्च स्तरीय टीम में बहु-विषयक विशेषज्ञ शामिल थे. इसका उद्देश्य जीबीएस के संदिग्ध और पुष्ट मामलों में वृद्धि को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप और प्रबंधन स्थापित करने में राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का समर्थन करना है.